राजस्थान की सियासत में उठक पटक
सचिन पायलेट और गहलोत राजस्थान कांग्रेस के  वो दो चेहरे है जिन पर सम्पूर्ण राजस्थान की कांग्रेस टिकी हुई है और आज समय का फेर ऐसा पड़ा है कि दोनों  ही दिग्गज एक दूसरे के सामने है। 
राजस्थान की सियासत में गहलोत सरकार पर काले बादल मंडराए हुए है 
पार्टी के सबसे जुझारू नेता सचिन पायलेट की बगावत शायद ही व्यर्थ जाए,, 
 एक युवा शक्ति, सार्थक सोच वाले पायलेट ने यू ही लड़कपन में बगावत नहीं की होगी क्योंकि राजनीति के दाव पेच कैसे खेलने है वो अच्छी तरह से जानते है। 
जब पूरे देश में मोदी लहर चल रही थी तो ऐसे समय में सचिन को एक जिम्मेदारी दी थी कि आप राजस्थान से कांग्रेस को लीड करोगे और जितवाओगे... 
सचिन ने ना केवल अच्छी तरह से लीड किया बल्कि जो परिणाम सामने आए वो हम सबके सामने है। 
राजस्थान की राजनीति में भला सचिन पायलेट को कौन नहीं जानता। 
अगर सचिन के बगावत करने के बाद भी गहलोत सरकार बचा पाते है तो उन्हें जादूगर  कहा जाना बिल्कुल भी गलत नहीं है । 
इस सारे मामले में  जो अहम कड़ी साबित हो सकते है वो है सम्मानित भरतपुर महाराज और दीग कुम्हेर विधायक महाराज विश्वेंद्र सिंह 
इन्होंने इस पूरे मामले में कुछ नहीं बोला लेकिन अपने ट्विटर अकाउंट से शायरी भरे अंदाज से सबको समझा दिया महाराज साहब भी सचिन को  ही चाहते हैं। 
सचिन के समर्थन में गहलोत के खिलाफ आवाज उंची करने में कई नेता हेमाराम चौधरी, रमेश मीणा खुलकर सामने आए है। 
आखिर ऐसा कौनसा कारण रहा जो सचिन कांग्रेस से बगावत पर उतर आए। 
सचिन पायलेट जो ऐसा नाम। कि राजस्थान में चुनावों का बहुत शानदार नेतृत्व किया विजय प्राप्त हुई लेकिन उनकी व्यथा है कि अब जब सरकार बन गई तो किसी भी सरकारी विज्ञापन में उनकी तस्वीर  नहीं लगती, ना ही वो कोई ट्रांसफर करा सकते है यहां तक कि उनके फोन कॉल्स को भी टेप किया जाता है। 
अब जब बगावत कर ही दी तो गहलोत सरकार ने सचिन, महाराज साब और रमेश मीणा समेत सभी समर्थकों के मंत्री पद छीन लिए जिसके बाद कई जगह पर समर्थकों के विरोध की जानकारियां भी मिली है जिससे राजस्थान। में कई जगह हाई अलर्ट की घोषणा हो गई। सचिन के होर्डिंग्स तो कल ही हटवा दिए थे और रही सही कसर आज पूरी  हो गई, अब उनकी जगह गोविंद सिंह डोटासरा  जो वर्तमान में शिक्षा मंत्री है उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी गई है। मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन के साथ गए विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने का प्रस्ताव रखा है। अब राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल होना तो संभव है ही! 
बानसूर में तो मुख्यमंत्री गहलोत और वहां के लोकल विधायक तक का पुतला भी फूंक दिया ।
अब कुछ हो ना हो लेकिन बीजेपी इस सारे मामले पर अपनी पैनी नजर रखे हुए है जो जरूर इस कांग्रेस के कलह का लाभ उठाएगी । 
खबर ऐसी भी है कि आज शाम पायलेट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते है तो देखते है राजस्थान की सियासत की उठक पटक में को महारथ हासिल करता है! 
और अंत में सचिन पायलेट का ट्वीट भी अभी बहुत कुछ होने का इशारा दे रहा है "सत्य परेशान किया का सकता है लेकिन पराजित नहीं" 
 
  
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